लेखनी कहानी -20-Sep-2022 मुखौटे
मुखौटे
हर चेहरे पर एक मुखौटा सजा है ।
मुखौटों के बीच असल चेहरा
पहचानने का एक अलग ही मजा है ।।
आंखों में प्यार होठों पे मिठास है ।
संभल कर बात करना ऐ दोस्त
जरूर इसमें कोई राज खास है ।।
सफेद लिबास में छुपा मन काला है ।
झूठ की दुकान , फरेब का मकान है
जिसमें सच्चाई, ईमानदारी पर ताला है ।।
अतिशय मीठा डायबिटीज करता है ।
जो जितना ज्यादा प्रेम दिखाता है
वह उतना ही विश्वासघात करता है ।।
रिश्ते भी मतलब से बनाते हैं लोग ।
रिश्तों की ओट में ना जाने कैसी कैसी
दिल पर चोट कर जाते हैं लोग ।।
जो जैसा दिखता है वह वैसा नहीं होता ।
जब तक कोई काम ना पड़े सब गुड़ी गुड़ी है
काम पड़ने पर ही असली रूप है दिखता ।।
श्री हरि
20.9.22
Pratikhya Priyadarshini
22-Sep-2022 12:28 PM
Bahut khoob 💐👍
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Raziya bano
20-Sep-2022 08:04 PM
Nice
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Reena yadav
20-Sep-2022 04:54 PM
👍👍
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